बांग –ए –मुर्ग
- Naveen Trigunayat
- Aug 22, 2020
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बांग –ए –मुर्ग
हुआ सवेरा,एक मुर्गा बोला
तू उठता है की दूं मैं बांग
घबराकर जो उठ कर बैठा
फिसला पैर और टूटी टांग
गुसलखाने का दरवाजा खोला
सूं-सूं करके वह नलका बोला
बिजली का फिर बटन दबाया
कसम तुम्हारी गुस्सा आया
छोडो भाई, पहले पीते हैं चाय
देखा कि गैस की लगी है हाय
दो बोतल फिर पानी सटकाया
तब जाकर प्रेशर कुछ आया
लगा आज प्लानिंग हुई फेल
स्कूटर मैं न था ज़रा भी तेल
भागा- भागा बस स्टॉप आया
सन्डे टाइम्स लड़का चिल्लाया
२००७
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