वायु सैनिक
फिर भी जीना तो है ही
किसी भी इन्सा कि तरह
हर उठती नज़र में हमें
भारत माता की डगर में
पहने कभी हार मौत के
फकत फ़र्ज़ निभाने केलिए
क्यों लगते हैं हम अजनबी
इस जहान से कतई अनजान
हवा में उड़ने के बाद भी
हम आते हैं धरती के काम
जान चली गई, तो गई
किया वतन पे जीवन कुर्बान
१९९२
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